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शेर
बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है
मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है
असरार-उल-हक़ मजाज़
शेर
इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है
हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए
असरार-उल-हक़ मजाज़
शेर
फिर किसी के सामने चश्म-ए-तमन्ना झुक गई
शौक़ की शोख़ी में रंग-ए-एहतराम आ ही गया
असरार-उल-हक़ मजाज़
शेर
ये आना कोई आना है कि बस रस्मन चले आए
ये मिलना ख़ाक मिलना है कि दिल से दिल नहीं मिलता